ताना बाना
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सोमवार, 14 मई 2018
अहम्
लहर बार-बार आकर
लडती है, झगडती है
मैं हूं... मैं हूं...
पर-
सागर मौन रहकर
बस माैन ही रहता है।
1 टिप्पणी:
Unknown
19 मई 2018 को 3:50 pm बजे
बहुत उपयोगी पंक्ति
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बहुत उपयोगी पंक्ति
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