सोमवार, 28 जनवरी 2019

स्मृति रेखाँकन— दोस्त


आज सुबह कुछ ठंड ज्यादा है या मुझे ही सन्डे के आलस्यवश ठंड ज्यादा सता रही है...रजाई में पड़े कई कप चाय सुड़क गए...फेसबुक-फेसबुक खेलते रहे साथ में ..किसी को लड़िआया तो किसी से भिड़ लिए यूँ ही...तभी एक फ़्रेंड की कॉल आई
`बहुत डिप्रेशन में हूँ...’
`क्या हुआ ‘हमने पूँछा
`बेटा हाथ से निकल गया’😖
`अरे तो पैर तो हैं न कब्जे में ...पकड़ कर खींच लो‘हमने हँस कर उसे रिलैक्स करने की कोशिश की पर वो गहरे सदमे में थी ।
`यार पीने लगा है ...स्मोक करता है...लड़कियों के साथ रिलेशन में है ‘उसने वजह गिनाईं `सिंगिंल मदर के लिए बहुत मुश्किल होता है बेटे को कंट्रोल करना’
`पढ़ाई में कैसा है’ हमने पूँछा `क्या हर समय नशे में धुत्त रहता है ‘?
`नहीं रे बस महिने में एक दो बार...और मी टू अभियान से डर लगता है कहीं कोई फँसा न दे..कहीं कोई मर्डर न करा दे ...ऑनर किलिंग ...☹️’
` तो वो लड़की उसकी दोस्त है ?’
`पहले कोई और थी अब दूसरी है😢’
`अरे तो नहीं पटी होगी हो गए अलग’
`पर मुझसे मिलवाया तो मैं तो इमोशनली अटैच हो गई उससे न ‘
`तो तुम क्या चाहती थीं उसी से शादी कर लेता ...और यदि नहीं पटरी बैठी तो पहले ही अलग हो गए क्या बुराई है शादी के बाद होते अलग तो..? `शुक्र करो गे नहीं है ‘ हमने कहा
`अरे.....नहीं नहीं😳...वो तो भयानक स्थिति होती मैं भुगत चुकी हूँ...मैं चाहती हूँ उसकी काउंसलिंग कराऊँ पर वो नहीं तैयार होगा ‘।
`बेटे से बात करो उसे डर बताओ अपने ...सुनो उसकी’हमने कहा।
 `नहीं सुनता  रे हँस कर टाल जाता है ‘
`ये इस जैनरेशन का लाइफ स्टाइल है ...थोड़ा तुम समझो थोड़ा उसको समझाओ...दरअसल हमारी और हमारे पेरेन्ट्स की जेनरेशन में ज्यादा फर्क नहीं था मूल्यों और संस्कारों में  ...पर हमारी नेक्स्ट जैनरेशन  के बहुत अलग संस्कार हैं ,मूल्य अलग  हैं उनको समझो जानो उनके ही चश्मे से..’
आधे घंटे बात करने के बाद बोली `लगता है काउन्सलिंग की उसे नहीं मुझे जरूरत है..😃..बैठ कर बात करनी है मुझे बोलो कब आ जाऊँ ‘
`कल आ जाओ ...वाइन शाइन पिएँगे गप्प मारेंगे😉’
`हैं ऐं ऐं ऐं 😳🤭😲’ उसका रिएक्शन था😆
`अरे मजाक कर रही हूँ 😂...चल कल मिलते हैं ‘😊
तो मिल रहे हैं कल  ...आ रही है वो ...सोच रही हूँ क्या पिलाऊँ 😆😂

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