India Art Fair 2022, Delhi में देखी गई कलाकार `सोमा दास ‘ की क्रम से लगी ये पाँच पेंटिंग्स `Made For Each Other ’ मेरे दिल में बस गई है ….ध्यान से देखिए तो इस पेंटिंग में छिपी एक कविता भी नजर आती है मुझे —
………..
तुम चाहते हो न धरा सी
घूमती रहूँ तुम्हारे इर्द-गिर्द
पलकों की चिलमन में
काजल सा आँज लूँ
और खुशबू सा बसा लूँ
साँसों की लय में तुम्हें…!
जो तुम संवार दो न
मेरा पल्लू
मेरी बिखरी अलकें
पैरों में लगा दो न आलता
पहना दो
रुनुक- झुनुक पायल
बिठा दोगे तरतीब से
साड़ी की चुन्नटें जब
नहीं चाहूँगी तब कुछ और
मेरे मीत…!
तुम बन कर तो देखो सूरज
एक नहीं सात जन्मों तक
धरा सी घूमती रहूँगी मैं
ताउम्र…तुम्हारे चहुँओर…!!
—उषा किरण 🌼🌸
(जब अभिव्यक्ति के दो माध्यम मिल कर कुछ कहते हैं तो भाव- सम्प्रेषण दुगुना हो जाता है…!)
वाह!भावपूर्ण अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार
हटाएंमेरी रचना का चयन करने के लिए हृदय से आभार 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना। हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार आलोक जी🙏😊
जवाब देंहटाएंचित्र अनुरूप बहुत सुंदर रचना । जैसे चित्रों को शब्द दे दिए हों । 👌👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार संगीता जी
हटाएंशानदार चित्र पर शानदार चिन्तन! प्रेमिल अभिव्यक्ति के क्या कहने!!!
जवाब देंहटाएंएक बेहतरीन भावपूर्ण रचना
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