TANA BANA
उतर रही है साँझ
फिर तिरे दामन पे
पाँव रख
हौले से
बिखर गई गुलशन में
रक्स-ए-बहाराँ बन के….
- उषा किरण 🌸🍃🌱
हार्दिक आभार!
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।
हार्दिक आभार 🙏
एक खुशनुमा तस्वीर खिंच गई आँखों के सामने. आपने पेंट भी की है क्या ?
वाह!!! अत्यंत मनमोहक तस्वीर एवं सृजन ।
बहुत शुक्रिया आपका😊
वाह ! बहुत सुन्दर उषा जी ! वाकई गुलशन में बहार आ गयी !
साधना जी, हृदय से आभार😊
क्या बात है, बेहद उम्दा।
हार्दिक आभार
बहुत सुंदर
मनमोहक तस्वीर
हार्दिक आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार 🙏
हटाएंएक खुशनुमा तस्वीर खिंच गई आँखों के सामने. आपने पेंट भी की है क्या ?
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंअत्यंत मनमोहक तस्वीर एवं सृजन ।
बहुत शुक्रिया आपका😊
हटाएंवाह ! बहुत सुन्दर उषा जी ! वाकई गुलशन में बहार आ गयी !
जवाब देंहटाएंसाधना जी, हृदय से आभार😊
हटाएंक्या बात है, बेहद उम्दा।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार
हटाएंहार्दिक आभार 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंमनमोहक तस्वीर
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार
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