ताना बाना
TANA BANA
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मंगलवार, 25 अप्रैल 2023
साँझ
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उतर रही है साँझ क्षितिज से गालों पे फिर तिरे दामन पे पाँव रख हौले से बिखर गई गुलशन में रक्स-ए-बहाराँ बन के…. - उषा क...
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रविवार, 12 मार्च 2023
छपाक
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शाँत, सुन्दर, सौम्य , सजी-संवरी नदी को देखते ही ये जो अकुला कर शीतल निर्मल जल में गहरे पैठ तुम बहा देते हो अपनी मलिनता डुबोते हो अपना ताप ब...
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रविवार, 26 फ़रवरी 2023
पुस्तक- समीक्षा:- दर्द का चंदन
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समीक्षा : "दर्द का चंदन " लेखिका : डॉ० उषा किरण जब आशियाने का शहतीर साथ छोड़ देने वाली स्थिति में हो और उसी समय टेक बने नए लट्ठो...
2 टिप्पणियां:
रविवार, 19 फ़रवरी 2023
स्वीकार
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स्वीकार ———- धरा , आकाश , जल , पवन को हाजिर - नाजिर मान ऐलान करती हूँ आज जाओ माफ किया … मुक्त किया तुम्हें …! ताउम्र ...
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सोमवार, 6 फ़रवरी 2023
`दर्द का चंदन ‘
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डॉ उषा किरण जी द्वारा लिखित आत्मकथ्यात्मक उपन्यास 'दर्द का चंदन' पूरा पढ़ने का सौभाग्य मिला। सौभाग्य शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया कि ...
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रविवार, 25 दिसंबर 2022
कुछ इस तरह
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जिन संबंधों को हम भावनाओं के रेशमी तन्तुओं से बुनते हैं, प्यार की सुगन्ध डालते हैं, दिल के क़रीब रखते हैं, वे ही संबंध कभी-कभी जरा सी ठेस स...
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रविवार, 25 सितंबर 2022
शर्मसार
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"आपका खून लगने से ये नया चाकू एकदमी खुट्टल हो गया!” सब्जी काटते-काटते गीता ने मुझसे कहा। "क्या मतलब?”मैंने उत्सुकता से पूछा ! &q...
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