ताना बाना
TANA BANA
(यहां ले जाएं ...)
Home
▼
शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025
सरेराह चलते-चलते
›
राहों से गुजरते कुछ दृश्य आँखों व मन को बाँध लेते हैं । जैसे सजी- धजी , रंग- बिरंगी सब्ज़ियों या फलों की दुकान या ठेला, झुंड में जातीं गाय...
4 टिप्पणियां:
बुधवार, 26 फ़रवरी 2025
आस्था की डुबकी
›
आस्था की डुबकी 🙏 बेशक हम सब धर्मों का दिल से सम्मान करते हैं, लेकिन हैं पक्के सनातनी; तो कुम्भ ना नहाएं ये हो नहीं सकता था। हालाँकि हमें...
बुधवार, 19 फ़रवरी 2025
दादी
›
मैंने अपने बाबा दादी को नहीं देखा । बाबा को तो ताता जी( पापा) ने भी नहीं देखा जब वे कुछ महिने के थे तभी उनका स्वर्गवास हो गया था। ताताजी की ...
6 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2025
प्रेम
›
कह देना इतना आसान होता है क्या ? किसी से कह देने से पहले जरूरी होता है खुद से कहना और जब दिल सुनना ही न चाहे बार- बार एक ही जिद- प्रेम कहा ...
2 टिप्पणियां:
गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025
चेहरा
›
अचानक से जब मिलकर कोई परिचित सा मुस्कुराता है बतियाता है… तो चौंक जाती हूँ उलझन में सोचती हूँ कैसे …कैसे पहचाना मुझे तब धीरे से याद दिल...
2 टिप्पणियां:
रविवार, 26 जनवरी 2025
रजनीगंधा, फिल्म समीक्षा
›
रजनीगंधा ——— - निर्देशक : बासु चटर्जी - पटकथा: बासु चटर्जी - कहानी...
गुरुवार, 16 जनवरी 2025
यादों के गलियारों से
›
बचपन में ख़ुशमिज़ाज बच्ची तो कभी नहीं थे…घुन्नी कहा जा सकता था…पर मजाल कोई कह कर तो देखता ,फिर तो सारे दिन रोते…फैल मचाते। याद है …जब नौ -...
8 टिप्पणियां:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें