ताना बाना

TANA BANA

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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025

सरेराह चलते-चलते

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  राहों से गुजरते कुछ दृश्य आँखों व मन को बाँध लेते हैं । जैसे सजी- धजी , रंग- बिरंगी सब्ज़ियों या फलों की दुकान या ठेला, झुंड में जातीं गाय...
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बुधवार, 26 फ़रवरी 2025

आस्था की डुबकी

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  आस्था की डुबकी 🙏 बेशक हम सब धर्मों का दिल से सम्मान करते हैं, लेकिन  हैं पक्के सनातनी; तो कुम्भ ना नहाएं ये हो नहीं सकता था। हालाँकि हमें...
बुधवार, 19 फ़रवरी 2025

दादी

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मैंने अपने बाबा दादी को नहीं देखा । बाबा को तो ताता जी( पापा) ने भी नहीं देखा जब वे कुछ महिने के थे तभी उनका स्वर्गवास हो गया था। ताताजी की ...
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शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2025

प्रेम

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कह देना इतना आसान होता है क्या ? किसी से कह देने से पहले  जरूरी होता है खुद से कहना और जब दिल सुनना ही न चाहे बार- बार एक ही जिद- प्रेम कहा ...
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गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025

चेहरा

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अचानक से जब मिलकर कोई परिचित सा  मुस्कुराता है  बतियाता है… तो चौंक जाती हूँ  उलझन में सोचती हूँ  कैसे …कैसे पहचाना मुझे  तब धीरे से याद दिल...
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रविवार, 26 जनवरी 2025

रजनीगंधा, फिल्म समीक्षा

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                               रजनीगंधा                                        ——— - निर्देशक :  बासु चटर्जी  - पटकथा:  बासु चटर्जी  - कहानी...
गुरुवार, 16 जनवरी 2025

यादों के गलियारों से

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  बचपन में ख़ुशमिज़ाज बच्ची तो कभी नहीं थे…घुन्नी कहा जा सकता था…पर मजाल कोई कह कर तो देखता ,फिर तो सारे दिन रोते…फैल मचाते। याद है …जब नौ -...
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उषा किरण
तूलिका और लेखनी के सहारे अहसासों को पिरोती रचनाओं की राह की एक राहगीर.
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