TANA BANA
दरिया नहीं कोई
जो तुझमें समा जाऊँगी
रे सागर,
तिरे सीने पे अपने
कदमों के निशाँ
छोड़ जाऊँगी…!!
— उषा किरण
भावपूर्ण अभिव्यक्ति उषा जी !!!!!
आभार रेणु जी
भावपूर्ण अभिव्यक्ति उषा जी !!!!!
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