ताना बाना
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बुधवार, 30 मई 2018
लाल पीली लड़की --(भाग 1 )
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सब्जी लगाकर रोटी का कौर मुंह में रख उसने चबाकर निगलने की कोशिश की, पर तालू से ही सटकर रह गया। पानी के घूँट से उसे भीतर धकेल दूसरा ...
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मंगलवार, 29 मई 2018
लाल पीली लड़की --(भाग २ )
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सोच लेने भर से ही सहमकर उसने खाट की तरफ देखा, पर विनय मजे में छाती पर हाथ बांधे टांगें फैलाये सो रहे थे । गले से मोटे पेट तक और पेट से पै...
लाल पीली लड़की --(भाग 3 समापन किश्त)
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खिड़की से उडते मेघों को देख मेघदूत के कई श्लोकों को याद कर वह 'यक्षप्रिया' की भांति विह्वल हो जाने के लिए सिर्फ एक बार ही मचल...
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जब तक
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सुन लो जब तक कोई आवाज देता है क्यूँ कि... सदाएं एक वक्त के बाद खामोश हो जाती हैं और ख़ामोशी .... आवाज...
शनिवार, 26 मई 2018
इन दिनों...
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इन दिनों बहुत बिगड़ गई हूं मैं अलगनी से उतारे कपड़ों के बीच बैठ खेलने लग जाती हूं घंटो कैंडी-क्रश रास्ते में गाड़ी रोक टिक्की- ग...
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बहादुर लड़की
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एक नन्हे से पौधे की ओट में मीलों चली है वो आसमान पर तपता सूरज नीचे जलती जमीन एक पग धरती है दूसरा उठा लेती दूसरा धरती है तो तिलमिल...
मंगलवार, 22 मई 2018
सच कहना !
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ए चाँद सच कहना देखो ,झूठ न बोलना कल छिटकी देखी तुम्हारी चांदनी से बुनी चूनर तारों की पायल मैंने भी उठ एक दीप जलाया...
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