ताना बाना
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सोमवार, 18 फ़रवरी 2019
कविता— अश्वत्थामा
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~अश्वत्थामा ~ ~~~~~~~ कहो तो पाँचाली अबोध सोए पड़े सुकुमार,अबोध पुत्रों के हन्ता अश्वत्थामा को क्यों क्षमा किया तुमने ? क...
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सोमवार, 4 फ़रवरी 2019
सफरनामा—अन्नदाता सुखी भव
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प्राय: सफर में बहुत विचित्र अनुभव होते हैं ..कुछ खट्टे ,कुछ मीठे..आज से लगभग पन्द्रह साल पहले के एक अनुभव को तो मैं आजन्म नहीं भूल सकती ......
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सोमवार, 28 जनवरी 2019
स्मृति रेखाँकन— दोस्त
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आज सुबह कुछ ठंड ज्यादा है या मुझे ही सन्डे के आलस्यवश ठंड ज्यादा सता रही है...रजाई में पड़े कई कप चाय सुड़क गए...फेसबुक-फेसबुक खेलते रहे सा...
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शनिवार, 26 जनवरी 2019
सफरनामा — वो हवाई यात्रा...
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सिंगापुर से दिल्ली की फ्लाइट में सीट नं० ढूँढती अपनी सीट तक पहुँची तो वहाँ एक यँग लड़की पहले से विराजमान थी...हमने कहा `ये हमारी सीट है’......
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गुरुवार, 24 जनवरी 2019
स्मृति रेखाँकन— अन्नदाता सुखी भव....
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प्राय: सफर में बहुत विचित्र अनुभव होते हैं ..कुछ खट्टे ,कुछ मीठे..आज से लगभग पन्द्रह साल पहले के एक अनुभव को तो मैं आजन्म नहीं भूल सकती ......
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सोमवार, 26 नवंबर 2018
परछाईं
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थक जाती है कभी अपनी ही परछाईं हमसे दौड़ती रहती है सारा दिन करती है पीछा कभी हमारी हसरतों का हमारी प्यास का तो कभी हमारी आस का हमारे...
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शब्द
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आसमान की खुली छाती पर नन्हीं उँगलियों से पंजों के बल उचक कर लिखती रहती शब्द अनगिनत तो कभी बाथरूम की प्लास्टर उखड़ी दीवारों ...
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