ताना बाना

TANA BANA

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रविवार, 24 मार्च 2019

कविता — " धूप”

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     धूप     ~~~ सुनहरी लटों को झटक पेड़ों से उछली खिड़की पर पंजे रख सोफ़े पर कूदी और वहाँ से छन्न से कार्पेट पर पसर गई हूँ...उधम...
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गुरुवार, 21 मार्च 2019

स्जमृति रेखाँकन— जब फागुन रँग झमकते थे

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आज हमारी मित्र वन्दना अवस्थी दुबे ने होली के संस्मरण लिखने को कहा है तो याद आती है अपने गाँव औरन्ध (जिला मैनपुरी) की होली जहाँ पूरा ...
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सोमवार, 18 फ़रवरी 2019

कविता— अश्वत्थामा

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    ~अश्वत्थामा ~        ~~~~~~~ कहो तो  पाँचाली अबोध सोए पड़े सुकुमार,अबोध पुत्रों के हन्ता अश्वत्थामा को क्यों क्षमा किया तुमने ? क...
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सोमवार, 4 फ़रवरी 2019

सफरनामा—अन्नदाता सुखी भव

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प्राय: सफर में बहुत विचित्र अनुभव होते हैं ..कुछ खट्टे ,कुछ मीठे..आज से लगभग पन्द्रह साल पहले के एक अनुभव को तो मैं आजन्म नहीं भूल सकती ......
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सोमवार, 28 जनवरी 2019

स्मृति रेखाँकन— दोस्त

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आज सुबह कुछ ठंड ज्यादा है या मुझे ही सन्डे के आलस्यवश ठंड ज्यादा सता रही है...रजाई में पड़े कई कप चाय सुड़क गए...फेसबुक-फेसबुक खेलते रहे सा...
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शनिवार, 26 जनवरी 2019

सफरनामा — वो हवाई यात्रा...

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सिंगापुर से दिल्ली की फ्लाइट में सीट नं० ढूँढती अपनी सीट तक पहुँची तो वहाँ एक यँग लड़की पहले से विराजमान थी...हमने कहा `ये हमारी सीट है’......
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गुरुवार, 24 जनवरी 2019

स्मृति रेखाँकन— अन्नदाता सुखी भव....

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प्राय: सफर में बहुत विचित्र अनुभव होते हैं ..कुछ खट्टे ,कुछ मीठे..आज से लगभग पन्द्रह साल पहले के एक अनुभव को तो मैं आजन्म नहीं भूल सकती ......
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उषा किरण
तूलिका और लेखनी के सहारे अहसासों को पिरोती रचनाओं की राह की एक राहगीर.
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