तीन मेरे तेरे तेरह
तीन तेरह
तीन तेरह
तीन तेरह
तेरा तेरा
तेरा तेरा
तेरा तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा….🌸🌼
—उषा किरण
मन की उधेड़बुन से उभरे विचारों को जब शब्द मिले
तो कुछ सिलवटें खुल गईं और कविता में ढल गईं
और जब शब्दों से भी मन भटका
तो रेखाएं उभरीं और
रेखांकन में ढल गईं...
इन्हीं दोनों की जुगलबन्दी से बना है ये
ताना- बाना
यहां मैं और मेरा समय
साथ-साथ बहते हैं
तीन मेरे तेरे तेरह
तीन तेरह
तीन तेरह
तीन तेरह
तेरा तेरा
तेरा तेरा
तेरा तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा
तेरा….🌸🌼
—उषा किरण
सबसे गहरे घाव दिए उन सजाओं ने— जो बिन अपराध, बेधड़क हमारे नाम दर्ज कर दी गईं। किए अपराधों की सज़ाएँ सह भी लीं, रो भी लीं… पर जो बेकसूर भुगत...
:) क्या तेरा क्या मेरा ?
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार
हटाएंवाह 😅
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