बारीक सी पर गहन
जो पावन धारा बहती अन्तस में ...
गुप्त गोदावरी फेनिल तरंगों में
सबसे छिपा करती निरन्तर समाहित
सारा कल्मष
सारा विष
सबका वमन
ध्यानस्थ...मंथर गति से प्रवाहित !
कि अतृप्त प्यास ही हो जाए जब तृप्ति...
कि विष ही बन जाए जब अमृत..
कि दाह ही हो जाए चंदन...
कि अमावस लगे पूर्णमासी ...
कि अन्त में ही हो पूर्णता का भास...
कि फकीराना मस्ती में रमता जोगी मन ही
समृद्ध हो जाए जब ...
तो और क्या चाहे कोई, किसी से ?
तो क्यूँ माँगे कोई किसी से भी ?
न चाँद
न सूरज
न आँचल भर सितारे
पूर्णता की उपलब्धता पाकर
खिल कर ...सुवासित हो ...
सामने शाख से छूट कर
गिरी है अभी जो धूल में
वो मदमस्त शेफाली होना चाहती हूँ...!!
— उषा किरण 🍂🍃
गिरा जो फूल धूल में
जवाब देंहटाएंनिश्चय ही वो शेफाली का होगा
विगत में ज़रूर तुमने
थोडा गरल पिया होगा
ध्यानस्थ हो जब मन को
गति मंथर दी होगी
अन्दर से ही आत्मा को
पूर्णता मिली होगी ...
बहुत खूबसूरत रचना ....मन के अन्दर तक प्रवाहित हो गयी ...
ओह ...कितनी गहराई तक पढ़ती हैं आप ...सिर्फ़ कविता ही नहीं कविता लिखने वाली को भी😊...नमन है आपकी सूक्ष्मदर्शी दृष्टि को🙏
जवाब देंहटाएंसोचने को विवश करती सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 18 मार्च 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंमेरी कविता साझा करने के लिए बहुत शुक्रिया ।
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद!
हटाएंबहुत सुंदर। बहुत खूब। बार-बार पढ़ने लायक कविता। आपको शुभकामनाएँ और बधाईयाँ। सादर।
जवाब देंहटाएंवीरेन्द्र जी कविता आपको पसन्द आई जान कर ख़ुशी हुई...शुक्रिया ।
हटाएंतो और क्या चाहे कोई, किसी से ?
जवाब देंहटाएंतो क्यूँ माँगे कोई किसी से भी ?
न चाँद
न सूरज
न आँचल भर सितारे
पूर्णता की उपलब्धता पाकर
खिल कर ...सुवासित हो ...
सामने शाख से छूट कर
गिरी है अभी जो धूल में
वो मदमस्त शेफाली होना चाहती हूँ...!!
बहुत ही सुंदर रचना, मन को भा गई, नमन
बहुत आभार ज्योति जी....🙏
हटाएंशेफाली होकर सचमुच
जवाब देंहटाएंपायी जा सकता है पूर्णता
आत्मोत्सर्ग ही तृप्ति
भरी जा सकती है रिक्तता
निर्विकार,निष्कलुष
निरंतर कर्मशील है सृष्टि।
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गहन भाव लिए
अति सुंदर सृजन प्रिय उषा जी।
सस्नेह
सादर।
प्रिय श्वेता जी बहुत सुन्दर लिखा आपने ...कविता को गहराई से पढ़ने और लिखने का शुक्रिया 🙏
हटाएंसुंदर भावों का भावपूर्ण शब्दचित्र ।
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया
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