ताना बाना

मन की उधेड़बुन से उभरे विचारों को जब शब्द मिले

तो कुछ सिलवटें खुल गईं और कविता में ढल गईं

और जब शब्दों से भी मन भटका

तो रेखाएं उभरीं और

रेखांकन में ढल गईं...

इन्हीं दोनों की जुगलबन्दी से बना है ये

ताना- बाना

यहां मैं और मेरा समय

साथ-साथ बहते हैं

मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

हे शिव शम्भु...!

 



ये कैसी लीला त्रिपुरारी

ये कैसा ताँडव भोले

भयभीत हैं मन

आज असहाय हर जन

त्रस्त तन- मन !


पड़ी विपदा भारी

है कैसी ये मजबूरी

कोई भी साथ नहीं 

अपनों का काँधा भी

आज नसीब नहीं 


अस्पतालों में बैड नहीं 

मसानों में भी अब

 जगह बची नहीं 

सब हिम्मत हारे

बाँधे हाथ सब अपने

भीगी आँखों से 

मजबूर दूर खड़े निहारें


प्रसन्न हो आशुतोष 

रोको अपना डमरू

रोको अपना नर्तन

बन्द करो त्रिनेत्र

एक-एक साँस को

तड़पते मानव की

लौटा दो साँसें अब


हाँ...मानते हैं

हम हैं अपराधी

अब दया करो, क्षमा करो 

हे महेश्वर भूल हमारी

तुम्हारे ही इष्ट राम का वास्ता 

देती हूँ मैं तुम्हें


बाँधती हूँ आज 

होकर  विकल तुम्हें

रक्षासूत्र से-


"येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: 

तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल !!”


                                          —उषा किरण 🙏🙏

                               चित्र; गूगल से साभार

22 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रार्थना में हम सब भी सम्मिलित हैं उषा जी। आशा है, सच्चे मन से निकली यह पुकार सही जगह पहुँचेगी।

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  2. अब यही त्रिनेत्र कोरोना पर खोलें तो जग-कल्याण हो. शानदार रचना।

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  3. हे त्रिपुरारी !
    बंद कर दो अब
    तीसरा नेत्र .
    *************
    क्षमा दान दो
    याचक हम सब
    अपराधी हैं .
    **************
    दो हाइकू महादेव की आराधना में समर्पित .

    अब दया दृष्टि हो .
    बहुत सुन्दर प्रार्थना .

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  4. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 21 अप्रैल 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    उत्तर
    1. मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत शुक्रिया पम्मी जी🙏

      हटाएं
  5. हाँ...मानते हैं

    हम हैं अपराधी

    अब दया करो, क्षमा करो

    हे महेश्वर भूल हमारी

    तुम्हारे ही इष्ट राम का वास्ता

    देती हूँ मैं तुम्हें

    आपकी प्रार्थना स्वीकार हो,परमात्मा अपनी कृपादृष्टि डालें हम पर,
    सभी स्वस्थ रहें ,सुरक्षित रहे

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  6. जाने इश्वर को क्या मंज़ूर है ...
    भली करेंगे भोले नाथ ... भावपूर्ण लेखन ...

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    उत्तर
    1. बस प्रार्थना में जुड़े रहें हाथ...जरूर सुनेंगे भोलेनाथ 🙏

      हटाएं
  7. बहुत सुन्दर।
    --
    श्री राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    --
    मित्रों पिछले तीन दिनों से मेरी तबियत ठीक नहीं है।
    खुुद को कमरे में कैद कर रखा है।

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    उत्तर
    1. आदरणीय शास्त्री जी
      बहुत आभार ! आपकी तबियत अब कैसी है ? कृपया सूचित करते रहिएगा...अपना ध्यान रखिए...मुश्किल वक्त है , प्रभु कृपा से निकल जाएगा ये भी...प्रभु से प्रार्थना है आपको शीघ्रातिशीघ्र स्वस्थ करें 🙏

      हटाएं
  8. आदरणीया मैम, भोलेनाथ से बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण प्रार्थना । भगवान जी हमारी यह विनती जल्दी सुन लें और इस कोरोना का नाश कर दें, जिन लोगों ने इस कारण अपने परिजनों को खोया है, उन्हें शोकमुक्त करें और सभी की सहायता करें। हृदय से आभार इस सुंदर स्तुति के लिए ।

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  9. अनन्ता जी, सच में बहुत हो गया , बस अब तो भोलेनाथ सुन ही लें 🙏🙏

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  10. हर जगह हाहाकार सा मचा है। मनुष्य अब भी नहीं डर रहा ईश्वर से। क्षमा प्रार्थना के साथ रक्षा प्रार्थना करते रहें सब सच्चे मन से। दवा के साथ दुआ की भी जरूरत है।

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    उत्तर
    1. प्रभु सबकी प्रार्थना सुनें ...मुश्किल वक्त है 🙏

      हटाएं
    2. प्रभु सबकी प्रार्थना सुनें ...मुश्किल वक्त है 🙏

      हटाएं
  11. बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रार्थना ।

    जवाब देंहटाएं

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