सबके फायदे की बात हो तो मैं लिखने से गुरेज़ नहीं करती, चाहे विषय थोड़ा संकोच वाला ही क्यों न हो, क्योंकि यह समस्या हर यात्रा करने वाली महिला की है।
सफ़र के दौरान—रेल, फ्लाइट, मॉल, ऑफिस, कहीं भी—पब्लिक टॉयलेट की साफ़-सफ़ाई सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है। इस वजह से हम महिलाएं अक्सर जितना हो सके खुद को रोकती रहती हैं, लेकिन अंत में इस्तेमाल तो करना ही पड़ता है। और फिर बार–बार UTI जैसी समस्याएँ होना आम बात है।
विदेशों में यह परेशानी कम दिखती है।
वहाँ लोग अनुशासन में रहते हैं—सीट साफ़ रखकर निकलते हैं, लाइन में बुज़ुर्ग महिलाओं या बच्चों को आगे जाने देते हैं, और बिना सफाई कर्मचारी के भी शौचालय व्यवस्थित रहते हैं।
काश हमारे यहाँ भी ऐसा ही हो!
मुझे सबसे ज़्यादा दिक्कत उन महिलाओं से होती है जो सीट पर न बैठकर फर्श गंदा कर देती हैं।
और पुरुषों से, जो पब्लिक टॉयलेट ही नहीं, कई बार फ़्लाइट और घरों में भी सीट को गंदा छोड़ जाते हैं—यह भूलकर कि दूसरे को उसी सीट पर बैठना होगा। वास्तव में दोनों काम बैठकर ही होने चाहिए, पर इसे कौन समझाए! थोड़ा-सा सेंस खुद भी होना चाहिए।
उधर पानी की सप्लाई भी कई जगह ठीक न होने से सफ़ाई की स्थिति और खराब हो जाती है।
मैं यात्रा बहुत करती हूँ, इसलिए हमेशा किसी समाधान की तलाश में रही।पिछले दिनों दो बहुत काम की चीज़ें मिलीं—और सोचा कि आप सबके साथ भी साझा करूँ।
👉 Disposable Pee Buddy
👉 Disposable Toilet Seat Covers
दोनों अमेज़ॉन पर आसानी से मिल जाते हैं।
सफ़र में इन्हें और कुछ wet wipes साथ रख लें तो टॉयलेट इस्तेमाल करना कहीं ज्यादा सुरक्षित और आसान हो जाता है।संकोच छोड़कर अपनी सेहत को प्राथमिकता दें—UTI और इन्फ़ेक्शन से बचाव बेहद ज़रूरी है।
और याद रखें सबसे जरूरी है, टॉयलेट को तमीज से इस्तेमाल करने के बाद दूसरों को भी इस्तेमाल करना है तो सफाई का ध्यान रखें, वैट वाइप साथ लेकर जाएं और सीट को साफ करके ओर फ्लश करके ही बाहर निकलें।
अगर यह जानकारी किसी एक महिला तक भी राहत पहुँचाए, तो मेरा लिखना सफल हुआ।
—उषा किरण
फोटो: गूगल से साभार

सुंदर जानकारी
जवाब देंहटाएंसटीक और सार्थक
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