ताना बाना

मन की उधेड़बुन से उभरे विचारों को जब शब्द मिले

तो कुछ सिलवटें खुल गईं और कविता में ढल गईं

और जब शब्दों से भी मन भटका

तो रेखाएं उभरीं और

रेखांकन में ढल गईं...

इन्हीं दोनों की जुगलबन्दी से बना है ये

ताना- बाना

यहां मैं और मेरा समय

साथ-साथ बहते हैं

बुधवार, 16 दिसंबर 2020

" तुम कौन “




दूर हटो तुम सब

यदि नहीं भाता ,

मेरा तरीका तुमको

मत सिखाओ मुझे

ये करो

ये न करो

ऐसे बोलो

ऐसा न बोलो

वहाँ जाओ

यहाँ मत जाओ

ये देखो

वो मत देखो

इससे बोलो

उससे मत बोलो

ये खाओ

वो न खाओ

ये लिखो

ये न लिखो

शऊर नहीं 

ये क्या बेहूदगी

उम्र का लिहाज़ नहीं 

बड़ी उड़ रहीं 

बड़ी बन रहीं 

जाने क्या गम हैं

जाने किस ख़ुशी में 

उड़ी जा रहीं

बाल तो देखो

झुर्री आ गईं 

बुद्धि न आई....

हाँ तो नहीं आई 

क्या करें तो ?

ये मेरी जिंदगी 

तुम कौन ?

सबकी पुड़िया बना 

रखो न अपनी जेब में

और हटो एक तरफ

आने दो जरा

कुछ ताजी हवा 

कुछ खुशबू

सतरंगी किरणें

कुछ उजास

भरने दो लम्बी साँस

चन्द दिन

कुछ पंख,

ओस से भीगे  

ये जो हैं न 

मेरी मुट्ठी में

जी लेने दो मुझे

अब उन्मुक्त....!!

                —उषा किरण

18 टिप्‍पणियां:

  1. सच जीना अपने ढंग से चाहे कोई कुछ भी बोले,
    जियो तो बिंदास,
    कुछ लोगों का काम ही होता है टोका-टाकी का, उन्हें किनारा करना अच्छा है स्वास्थ्य के लिए

    बहुत अच्छी प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  2. जो दूसरों को समझाने का टीका लगाए घूमते हैं उन पर कटाक्ष करती सुन्दर रचना..! मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है..।

    जवाब देंहटाएं
  3. मन को मुक्ति देते विचार, अपने सोचानुरूप जीने का दृढ़ संकल्प।
    होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  4. होली के मिज़ाज सी मस्त कविता.

    जवाब देंहटाएं
  5. सच में ये टोका टोकी कहने को छोटी बात पर कब मन में गाँठ बन बैठ जाती पता ही नहीं चलता ...टोकना वाला आस पास ना हो पर ये शब्द हर वक्त साथ रहकर उसी टोन में टोकते रहते...ताउम्र....
    लाजवाब सृजन।

    जवाब देंहटाएं
  6. हार्दिक आभार 😊

    जवाब देंहटाएं
  7. ये जो हैं न

    मेरी मुट्ठी में

    जी लेने दो मुझे

    अब उन्मुक्त....!!

    हाँ,जब मिले ये मुठ्ठी भर जीवन जी लेना चाहिए सबकी टोका टोकि से दूर ,
    होली की हार्दिक शुभकामनायें आपको उषा जी

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हार्दिक आभार कामिनी जी आपको भी शुभकामनाएँ 🙏😊

      हटाएं

मुँहबोले रिश्ते

            मुझे मुँहबोले रिश्तों से बहुत डर लगता है।  जब भी कोई मुझे बेटी या बहन बोलता है तो उस मुंहबोले भाई या माँ, पिता से कतरा कर पीछे स...