कह देना
इतना आसान होता है क्या ?
किसी से कह देने से पहले
जरूरी होता है खुद से कहना
और जब दिल सुनना ही न चाहे
बार- बार एक ही जिद-
प्रेम कहा नहीं,जिया जाता है
प्रेम कहा नहीं,ओढ़ा जाता है
प्रेम कह देने से मर जाता है
प्रेम पा लेने से सड़ जाता है
प्रेम है तो उसे बहने दो
गुप्तगोदावरी सा अन्तस्थल में…
और यदि तुमको प्रेम है मुझसे
तो तुम भी न कहना
प्रेम यदि है तो मौन रहो
कुछ न कहो
प्रेम में हो जाना चाहता है मन
खुद गुलमोहर
या कि अमलतास !
बस उसे चुपचाप
खुद पर बीत जाने दो
बिल्कुल किसी मौसम की तरह...!!
—उषा किरण 🌼🌿
वाह ! प्रेम में गुलमोहर बन जाना या कि अमलतास सा खिल जाना है
जवाब देंहटाएंसुन्दर
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