ताना बाना

मन की उधेड़बुन से उभरे विचारों को जब शब्द मिले

तो कुछ सिलवटें खुल गईं और कविता में ढल गईं

और जब शब्दों से भी मन भटका

तो रेखाएं उभरीं और

रेखांकन में ढल गईं...

इन्हीं दोनों की जुगलबन्दी से बना है ये

ताना- बाना

यहां मैं और मेरा समय

साथ-साथ बहते हैं

मंगलवार, 24 मार्च 2020

मन का कोना — नर हो न निराश करो मन को ...

                                     


वैश्विक संकट की स्थिति है ।सारे दिन घर में बन्द होकर टी वी , न्यूज़ पेपर, मोबाइल में देख पढ़ कर सबके मन दहशत में हैं । जिस भी फ्रैंड से बात की हर कोई ख़ौफ़ज़दा है ।फेसबुक पर भी कई पोस्ट में हताशा दिखाई दी दहशत है सब तरफ बदहवासी है खुद मैं भी सुकून में नहीं हूँ ।सारे दिन टी वी के आगे बैठी रहती हूँ इस उम्मीद में कि अभी उद्घोषणा होगी कि वैक्सीन आ गया जाकर सब अपने डॉक्टर से लगवा लें ...जबकि जानती हूँ अभी वक्त लगेगा काश मेरा ये दिवा स्वप्न साकार हो जाए!🙏
ज्यादातर लोगों के बच्चे विदेशों में या दूसरे शहरों में पढ़ रहे हैं या जॉब कर रहे हैं उनके लिए मन परेशान है ।देश के हालात भी धीरे-धीरे चिन्ताजनक होते जा रहे हैं परन्तु कुछ बेवकूफों की बेवक़ूफ़ी का खामयाजा सबको भुगतना पड़ेगा ।कई लोगों की पोस्ट और मैसेज पढ़ रही हूँ धीरे- धीरे सब अवसाद में जा रहे हैं तो संभलिए खुद और संभालिए सबको । अपने से जुड़े अशिक्षित व अति उत्साही और अन्धविश्वासी लोगों को मौका मिलने पर समझाएं कि घर पर रहें और आवश्यक सावधानी स्वच्छता का पालन करें ।
ध्यान करिए , प्राणायाम करिए मन शाँत होगा । एन्जायटी से कहीं ऐसा न हो कि आपका बी पी , शुगर बेकाबू हो जाए या दिल पर ज्यादा बोझ पड़ने से दिल गड़बड़ा जाए और आपको डॉक्टर या हॉस्पिटल की जरूरत पड़ जाए । एक तो डॉक्टर्स व हॉस्पिटल स्टाफ पर पहले ही इतना बोझ है कोरोना के चलते और आगे भी उनको कोरोना पीडि़तों को देखना है तो हिम्मत रखिए ।अपना ध्यान रखिए ,अपने बुजुर्गों से बात करिए , हौसला दीजिए उन्हें , बच्चों के साथ गाने गाइए , नाती पोतों को कहानी सुनाइए उनके पापा मम्मी की बचपन की शैतानियाों के किस्से सुनाइए , कविता या कहानी की दो लाइन सुना कर कहिए बाकी तुम पूरी करो  देखिए फिर उनकी कल्पना की उड़ान कैसी ईरान तूरान की मिलाते हैं ।बच्चों से कुछ रेसिपी ट्राई करवाइए हमारे आदी (नाती) ने चीज सैंडविच , कप केक ,फ्रूट सलाद बनाना सीखा है । जब बच्चे खुद बनाते हैं तो खूब गपर-गपर खाते हैं ।बच्चों के साथ इन्डोर गेम खेलिए , यदि लॉन हैतो बैडमिंटन खेलिए (मेरे दामाद ने इन दिनों चार कि० वेट कम किया खेल कर) कुछ जो मन को अच्छा लगे पढ़िए, मित्रों से फोन पर बात करिए एक दूजे का हौसला बढ़ाइए ।देखिए घर में कहीं कभी मंगा कर रखे कलर्स ब्रश रखे हों तो पेंटिंग ही बना डालिए  । नहीं तो गर्म कपड़ों की पैकिंग का काम निबटा लीजिए । अपनी कवर्ड चैक करिए कुछ बहुत अच्छे कपड़े जो ये सोच कर साल दो साल से सेंत रखे हैंकि जब स्लिम हो जाउंगी तब पहनूँगी तो निकाल कर दे दीजिए अपने केयर टेकर्स को और भूल जाइए दो साल में नहीं घटा तो कोई गारंटी नहीं कि आगे भी....।
कभी सितार, हारमोनियम, बाँसुरी, माउथऑर्गन , पियानो,तबला ,कुछ सीखा था जिसे जीवन की आपाधापी में भूल गए थे तो निकालिए ,धूल झाड़िए फिर से जीवन में सुर लाइए कुछ गुनगुनाइए ।अगर लिखने का मन  है या हुनर है तो लिखिए कुछ ।सर्च करिए नेट पर कुछ अच्छी रेसिपी ट्राई करिए आप भी। जैसे आज मैंने तवा फ्राई सब्जी बनाई ।मर्द लोगों को चाहिए कि पत्नियों को कहें अब इस सन्डे ,सैटरडे तुम्हारी छुट्टी और बच्चों के साथ खुद संभालिए किचिन ।बाजार से ग्रोसरी आप खुद लाएं । माली की छुट्टी कर गार्डन में खुरपी चलाइए बच्चों से कहिए पानी दें ।देखिए कितनी ख़ुशियाँ आएंगी घर में सेहत भी बनेगी टेंशन भी कम होगा । सहायकों की छुट्टी होने से आपकी पत्नि पर काम का बोझ आ पड़ा है ऊपर से बढ़िया डिशेज की फ़रमाइश तो जाकर काम में हाथ बंटाइए न ।यदि कोई परिचित या पड़ोसी बुजुर्ग घर पर अकेले रहते हों तो उनकी खबर फोन पर जरूर लेते रहिए और छोटे बच्चों से भी कहिए कि वो भी पूछे संस्कार पड़ेंगे बच्चों में कोई जरूरत हो तो मदद करिए।
आज बेटी ने बताया कि उनकी सोसायटी में एक बुजुर्ग डॉक्टर दंपत्ति अकेले रहते हैं बच्चे बाहर हैं उन्होंने अपनी सभी मेड को छुट्टी दे दी है तो कल बेटी और उसकी कुछ फ्रैंड्स मिल कर उनके घर की साफ- सफाई करके आईं और कुछ खाना भी बना कर दे कर आईं  कुछ देर उनसे बात की हाल- चाल पूछा , हिम्मत बढ़ाई कहा कि कोई प्रॉब्लम हो तो हमें बताइएगा । एक और परिवार है जिन्होंने पूरी तरह खुद को घर में बंद कर लिया है क्योंकि उनकी माँ को कैंसर है कैंसर पेशेन्ट की इम्यूनिटी वैसे भी कम होती है तो अपनी दवाइयाँ लेने जाते समय उनसे पूछा और उनकी भी दवाइयाँ व फल लाकर दिए । सुन कर मन भीग गया मैंने खूब शाबाशी दी
भूल जाइए इस समय जाति -पाँति, धर्म बस जरूरतमंदों को मदद करिए । आप जिन मंदिरों में , तीर्थों में भगवान के नाम पर दान देते हैं वो सब वैसे ही बन्द पड़े हैं नर में नारायण देखिए । आपकी मेड, ड्राइवर, माली जो भी आप पर निर्भर हैं इसके अतिरिक्त भी जहाँ कर सकते हैं उनकी मदद करिए ताकि उनके चूल्हे जलते रहें ।बिना पैसे काटे  छुट्टी दें  एक महिने के पैसे एडवांस दें और कहें कि कम से कम आटा,चावल , नमक ,चीनी, पत्ती,दाल चावल, आटा लाकर रख लें या सेलरी से अलग दान समझ कर कुछ पैसे देकर उनकी मदद करें ऐसा करके देखिए कितनी खुशी और शाँति मिलती है ऐसी शाँति किसी पूजा पाठ से भी नहीं मिल सकती। क्योंकि हो सकता है हालात बिगड़ने पर घरों से निकलने लायक हालात न रहें आगे जाकर  ,क्योंकि  लॉक-डाउन से भी रुक नहीं रहे घरों में कुछ बेवकूफ लोग।आलम ये है कि कल टी वी पर देखा कुछ लोग टैटू बनवाने जा रहे थे...मजाक समझ रखा है कुछ लोगों ने वे कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रहे तो सरकार को सख्त कदम उठाने ही पड़ेंगे हो सकता है कल आपके शहर में भी कर्फ़्यू लग जाय।
प्रार्थना करिए  ये आपको मानसिक शक्ति , शान्ति देती है और आशावान बनाती है तो आप जिसको भी इष्ट मानते हों प्रार्थना करिए ,चैन्टिंग करिए या जिस भी धर्म के अनुयायी हों अल्लाह, ईशू,नानक जिसमें भी आस्था हो विश्व के लिए पहले प्रार्थना करिए तब अपने और अपने बच्चों के लिए  करिए सामूहिक प्रार्थना में बल होता है ।
सारे विश्व में मौत का तांडव है । इस समय सबसे बड़ी समस्या है खुद को बचाए रखना और अपने देश परिवार समाज को कैसे बचाएं उस पर विचार कर सहयोग करना ।
पैसे बैंकों में रखे रह गए, जमीन जायदाद पड़ी रह गईं , अकूत संपत्ति भी साथ नहीं गईं और हजारों लोग चटापट उठ गए । रह गया सब यहीं रिश्ते मान- अपमान , सम्मान ,प्रशस्ति-पत्र भी !
दूसरी तरह के अमीर बनिए एकांतवास में आत्मनिरीक्षण करिए  । दिल बड़ा करिए ।कभी किसी ने अपमान किया आपका ,आपको हर्ट किया,दुश्मनी ठानी बस यही टाइम है माफ कर दीजिए मन से ।यदि आपकी गल्ती है तो माफी माँग लीजिए ...मन का कबाड़ छाँट दीजिए आशा, प्रेम व प्रार्थना का दीप जलाइए " #अप्प_दीपो_भव”सकारात्मक बनिए । बच्चों को भी ये सब सिखाइए ।ये बवंडर तो थम ही जाएगा एक दिन बहुत कुछ उत्पात मचा कर ।प्रकृति का कहर है थमेगा ही एक दिन पर हमें बहुत कुछ सिखा कर और सीखने का वक्त भी है । देखिए अपने अहंकार को जाँचिए जरा काम करिए उस पर भी।
आखिर में करबद्घ निवेदन है कि मोदी, केजरीवाल,अमितशाह वगैरह को जितनी मन हो बाद में गाली दे लेना पर अभी जो कह रहे हैं , जो पॉलिसी व नियम बना रहे हैं मानने में ही सबकी भलाई है ...मान लो सबके कल्याण की बात है🙏
ये जो कुछ मैं लिख रही हूँ ये आपसे ज्यादा खुद के लिए लिख रही हूँ कि ...उषा किरण संभल जाओ , रुक तो गई ही हो ...संभलो...जरा सोचो...क्योंकि कल हो न हो 🤔
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